Sunita gupta

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स्वैच्छिक विषय सावन

सावन की रिमझिम फुहारों में,
खुशियों की बौछारें होती हैं,
हरियाली की चादर ओढ़े हुए,
प्रकृति की सुंदरता को निहारते हैं।

बादलों की गड़गड़ाहट में,
रिमझिम की आवाज़ होती है,
बारिश की बूंदों में,
जीवन की नई उम्मीदें होती हैं।

सावन की रातों में,
चाँदनी की चमक होती है,
तारों की टिमटिमाहट में,
सपनों की दुनिया होती है।

सावन की फसलों में,
हरियाली की बाहार होती है,
प्रकृति की सुंदरता में,
जीवन की खुशियाँ होती हैं।

सावन का महीना है,
प्यार और खुशियों का त्योहार है,
इस मौसम में जीवन को,
नई उम्मीदें और खुशियाँ मिलती हैं।

सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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1 Comments

Mohammed urooj khan

26-Jul-2024 03:39 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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